kusum yojana ke liye aavedan kaise kare

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कुसुम योजना क्या है?


कुसुम योजना भारत सरकार के रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय
Kusum Yojana (Image Credit: Google.com)


 कुसुम योजना भारत सरकार के रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय (MNRE) ने देश में सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन तथा सोलर पंप आदि नवीकरणीय संयंत्रों की स्थापना के लिए किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाअभियान ( पीएम-कुसुम) योजना शुरू की है|

इस योजना के अंतर्गत राजस्थान के वितरण निगमों के 33/11 केवी सब स्टेशनों से जुड़ने वाले किसानों की बंजर भूमि पर 0.5 से 2.0 मेगावाट तक के विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्रो की स्थापना करना है|

सिंचाई में सोलर पंपों का उपयोग करना है| इस योजना का लक्ष्य 2022 तक सौर और अन्य नवीकरण ऊर्जा क्षमता को कुल केंद्रीय वित्तीय सहायता के साथ जोड़ना है|

योजना के नियम व शर्तें :-
(१) 0.5 से 2.0 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए बंजर भूमि 33/11 केवी के 5 किलोमीटर परिधि में होनी चाहिए|

(२) सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना हेतु 2 हेक्टेयर प्रति मेगावाट भूमि की आवश्यकता होगी|
(३) योजना की अवधि न्यूनतम 25 वर्ष होगी|

(४) प्रोजेक्ट को अनुबंध के नियमों के अनुसार डिज़ाइन, निर्माण करना, निर्धारित समयावधि में पूर्ण करना तथा अवरोध मुक्त रखना होगा|

(५) सौर ऊर्जा जनरेटर (किसान/कंपनी) को राजस्थान राज्य की लागू अक्षय नीतियों /नियमों का पालन करना होगा|

योजना हेतु पात्रता व वित्तीय योग्यता:-
(अ) इस योजना में भाग लेने हेतु किसान, किसानों का समूह, पंचायत, किसान संगठन जिनके पास स्वयं या लीज की जमीन है, पात्र होंगे तथा इन्हें सौर ऊर्जा उत्पादक(SPG) माना जाएगा |

(ब) किसान अपनी भूमि लीज पर देकर किराया प्राप्त कर सकते हैं| लीज पर देने हेतु किसान व कंपनी के बीच एग्रीमेंट होगा, यह राशि प्रति एकड़ या उत्पादित बिजली की रुपए प्रति यूनिट के रूप में होगी|

(१) किसान द्वारा स्वयं प्रोजेक्ट लगाने पर:-
1मेगावाट हेतु भूमि की आवश्यकता = 2 हेक्टेयर
1 मेगावाट अनुमानित निवेश = 3.5 से 4.0 करोड़ रुपए
अनुमानित टैरिफ    = 3.14 रुपए प्रति यूनिट
25 वर्ष में कुल अनुमानित आय = 12 करोड़ रुपए

(२) किसी कंपनी के माध्यम से विकसित करने पर अर्थात भूमि लीज पर देने पर:-
1 मेगावाट हेतु भूमि की आवश्यकता = 2 हेक्टेयर 
प्रति मेगावाट विद्युत उत्पादन = 17 लाख यूनिट (अनुमानित)
अनुमानित रिलीज किराया (10 से 20 पैसा / unit) = 1.70 लाख से 3.40 लाख रुपए

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प्रोजेक्ट लगाने हेतु आवेदन तथा चयन प्रक्रिया:-

आवेदन :- कुसुम योजना के लिए आवेदन फॉर्म भरकर उसमें निर्देशित सभी दस्तावेज लगाकर 33 kv सब-स्टेशन से संबंधित सहायक अभियंता कार्यालय में जमा कराए , एक से अधिक आवेदन एक व्यक्ति /संस्था द्वारा अमान्य होंगे|

आवेदक द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्र के आवेदन हेतु 5000 रुपए प्रति मेगावाट + जीएसटी की दर से आवेदन शुल्क प्रबंध निदेशक राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के नाम DD बनाकर जमा कराना होगा|

धरोहर राशि :- आवेदकों को 100000 रुपए प्रति मेगावाट की दर से धरोहर राशि जमा करानी होगी, चयनित आवेदक को 500000 रुपए प्रति मेगावाट की दर से प्रोजेक्ट निष्पादन सुरक्षा राशि जमा करानी होगी |

चयन प्रक्रिया :- (१) ऐसे आवेदकों की सूची जिनके आवेदित सोलर क्षमता वहां के सब स्टेशन हेतु घोषित क्षमता से कम या बराबर है उन्हें चयनित घोषित किया जाएगा |

(२) ऐसे आवेदकों की सूची जिनके आवेदित सोलर क्षमता, सब-स्टेशन हेतु घोषित क्षमता से अधिक हैं तो इस परिस्थिति में सभी आवेदकों से आवेदन ऑनलाइन सील बिड के रूप में माँगे जाएंगे| जिनकी दर विद्युत दर से कम होगी उन्हें सब-स्टेशन की निर्धारित क्षमता तक पात्र आवेदकों को अनुमति दी जाएगी |

PPA ( विद्युत खरीदी अनुबंध ):- चयनित आवेदकों के साथ राजस्थान ऊर्जा निगम बिजली की खरीद हेतु 25 वर्ष की अवधि के लिए विद्युत खरीदी अनुबंध करेगी यह अवधि व्यावसायिक संचालन दिनांक से मानी जाएगी|


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कुसुम योजना के लाभ :- कुसुम योजना से किसानों को बहुत लाभ है राजस्थान के जिलों में सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन की बहुत संभावना है, मुख्यतः पश्चिमी क्षेत्र में क्योंकि इधर बंजर भूमि बहुत है तथा सूर्य की रोशनी अधिकतम रहती हैं |


 बंजर भूमि से किसानों को आय होगी जिससे किसान के जीवन स्तर में सुधार आएगा |सोलर पंप के उपयोग से बिजली के बिल में राहत मिलेगी, डीजल पंप के खर्चे से मुक्ति मिलेगी| पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी|

इस प्रकार  सरकार की यह बहुत अच्छी योजना है| कुसुम योजना किसानों के लिए बहुत लाभप्रद है इससे किसानों का जीवन स्तर सुधरेगा तथा समय पर बिजली मिलने से उत्पादन में वृद्धि होगी|

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